JNU हिंसा पर बॉलीवुड सितारों की खरी-खरी

इनमें से ज़्यादातर महिलाएं युवा हैं और बेताब हैं. वे स्पष्ट सोच से भरी हैं और शांत भी हैं. वे कहती हैं कि केवल महिलाएं ही विरोध प्रदर्शन कर सकती हैं क्योंकि सरकार को मालूम नहीं है कि मुस्लिम महिलाओं से कैसे डील किया जाए. वही मुस्लिम महिलाएं जिनकी पहचान बेजुबान महिला की रही है और जिन्हें लंबे समय से समाज में पीड़िता माना जाता रहा है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कई लोगों का कहना है कि 2012 में निर्भया मामले के दौरान पहली बार महिलाओं ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी के मुताबिक़ मुस्लिम महिलाओं में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत 2002 के गोधरा दंगे के दौरान हुई थी, जब कई महिलाएं विरोध प्रदर्शन के लिए घरों से बाहर निकली थीं और उनमें से कुछ अब भी संघर्ष कर रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बुर्का और हिजाब में, वे अपनी पहचान को नए सिरे से गढ़ रही हैं, उन्हें अब मुस्लिम कहलाने में ना तो डर है और ना ही शर्म. इनमें से अधिकांश ये भी कहती हैं कि हिजाब उन्हें अपनी मर्जी से पहना है और इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तस्वीरों में भी दिखता है कि हिजाब पहनी महिलाएं पुलिस को चुनौती दे रही हैं. वो भी तब जब दिल्ली में कड़ाके की सर्दी है और पुलिसिया अत्याचार की ख़बरें भी हैं लेकिन ये महिलाएं दिन-रात में प्लेकार्ड लिए लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

"तेरे माथे पर ये आंचल ख़ूब है लेकिन तू इस आंचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था."-मजाज़ मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कई साल पहले लखनऊ में जब शायर मजाज़ ने ये नज़्म नरगिस दत्त से मुलाक़ात के बाद लिखी थी, तब उन्होंने शायद नहीं सोचा होगा कि ये आने वाले दिनों की मुनादी साबित होगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

मजाज़ जिस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े लिखे थे, वह यूनिवर्सिटी विरोध का प्रतीक बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दरअसल यहां विवादास्पद नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) का विरोध हो रहा है और इसका नेतृत्व स्कार्फ़ बांधी महिलाएँ कर रही हैं. इस क़ानून में तीन पड़ोसी देशों से भारत आए लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है, लेकिन उस सूची से मुसलमानों को बाहर रखा गया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

मजाज़ की लिखी पंक्तियों को विभिन्न प्रदर्शनों में ये महिलाएं गा रही हैं. ख़ास बात यह है कि चेतावनी, फ़ायरिंग, आंसू गैस और मुक़दमे के बाद भी इन महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है. अलगीढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया, महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का केंद्र साबित हुए हैं जो पुलिस की क्रूरता के सामने तनकर खड़ी हैं, चुनौती देती हुई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारतीय इतिहास में पहली बार, इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं प्रदर्शन के लिए सड़कों पर निकली हैं, जो ख़ुद इन प्रदर्शनों का नेतृत्व भी कर रही हैं और विरोध की आवाज़ में अपनी पहचान बना रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

दिल्ली के निम्न आय वर्ग और मुस्लिम बहुलता वाले शाहीन बाग़ की महिलाएं प्रतिरोध का नया चेहरा बनकर उभरी हैं. दिल्ली के कड़ाके की ठंड में भी ये महिलाएं दिन-रात शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर बैठी हैं. इन महिलाओं का कहना है कि नया क़ानून भारतीय संविधान के ख़िलाफ़ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ठंड और पुलिस की बर्बरता (जो दूसरी जगहों पर दिखाई भी दिए हैं) के ख़तरे के बावजूद ये महिलाएं विरोध प्रदर्शन की मशाल जलाए दिख रही हैं. अपने हिजाब और बुर्के में वे पहचान की राजनीति के ख़िलाफ़ भी संघर्ष कर रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

यह सब ठीक उसी दिन शुरू हुआ, जिस रात जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हमला हुआ. शाहीन बाग़ की 10 महिलाएं अपने अपने घरों से निकलकर विरोध प्रदर्शन के लिए बैठ गईं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उसी रात, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अब्दुल्लाह हॉस्टल में छात्राओं ने तीन ताले तोड़ दिए, जिनमें उन्हें बंद रखा गया था. जब उन्हें महिला छात्रावास से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वे वहीं धरने पर बैठ गईं, उनका कहना था कि पुलिस छात्रों की बेरहमी से पिटाई कर रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अगले ही दिन, 16 दिसंबर की सुबह तक अलीगढ़ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल ख़ाली करा लिया. छात्रावास के छात्रों को उनके अपने घरों तक भेजने के लिए विशेष बस और ट्रेन की व्यवस्था की गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उसी सुबह 20 और 21 साल की आएशा और तूबा अलीगढ़ के दूधपुर स्थित अपने घरों से निकलकर यूनिवर्सिटी पहुंचीं. यहां ये दोनों यूनानी मेडिसिन की पढ़ाई करती हैं. दोनों मौलाना आजाद लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर बैठ गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उनके पास पिछले विरोध प्रदर्शन के प्लेकार्ड्स मौजूद थे. तूबा के हाथ में साइलेंट प्रोटेस्ट यानी मौन प्रदर्शन और आएशा के हाथ में तानाशाही नहीं चलेगी वाले प्लेकार्ड थे. दोनों घंटों तक विरोध प्रदर्शन करती रहीं थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उनके मुताबिक़ प्रोवोस्ट (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी) ने आकर उन्हें चेतावनी दी लेकिन दोनों ने उन्हें बताया कि वे कुछ भी गैर क़ानूनी नहीं कर रही हैं. अलीगढ़ में धारा 144 लागू थी, जिसके मुताबिक़ किसी भी जगह पर चार या उससे ज़्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते थे. लेकिन यहां तो दो ही लड़कियां थीं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तूबा बताती हैं, "हम ये नहीं चाहते थे कि कोई सोचे कि हम संघर्ष से पीछे हट गए हैं और हम शांत हैं. जब तक एक भी छात्र विरोध प्रदर्शन के लिए खड़ा है, विरोध ज़िंदा रहेगा."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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